दुनिया भर का बोझ उठाए, ये नन्हे नन्हे हाथ मेरे...! दुनिया भर का बोझ उठाए, ये नन्हे नन्हे हाथ मेरे...!
दौलतमंद लोगो पे ग़रीबो की देखभाल का लगा इल्ज़ाम था बाल मज़दूरी के भाषण में, चाय लाने वाला एक बच्चा... दौलतमंद लोगो पे ग़रीबो की देखभाल का लगा इल्ज़ाम था बाल मज़दूरी के भाषण में, चाय...
अपनी भूख छुपाने को वो गुटखा चबाता है।। वो अल सुबह अपनी भूख छुपाने को वो गुटखा चबाता है।। वो अल सुबह
बाल मज़दूरी के एक कविता। बाल मज़दूरी के एक कविता।
रोक लगाओ बाल मजदूरी... सिसक-सिसक के बोल रही... रोक लगाओ बाल मजदूरी... सिसक-सिसक के बोल रही...
मासूमियत...। मासूमियत...।